शायद ऐसे कुछ...
- तुम भी खो गए, हम भी खो गए, एक राह पर चल के दो कदम.. (वक़्त ने किया)
- एक आह भरी होगी, हमने ना सुनी होगी, जाते जाते तुमने आवाज़ तो दी होगी... (चिट्ठी ना कोई संदेश)
- आये भी ना थे खुश्क हुए आंखो मे आंसू , निकले भी ना थे लुट गए अरमान बेचारे ... (आजा मेरी बरबाद)
- जी मे आता है तेरे दामन मे सर झुका कर हम रोते रोते रहे... (तेरे बिना जिन्दगी से कोई)
- मेरे कदम जहाँ पडे सजदे किये थे यार ने... (जाने कहाँ गए वो दिन)
- मौत भी आती नही, जान भी जाती नही, दिल को ये क्या हो गया कोई शाह भाती नही ...(तुम ना जाने किस)
- मरने के बाद होगा, चर्चा तेरी गली में... (मरना तेरी गली में)
- बाबुल थी मैं तेरे नाजो की पाली, फिर क्यों हुई मैं परायी... (अब के बरस भेज)
- नाजो से पाला मैंने तुझे, मेरी लाडली ... (बाबुल के दुआएं)
- जलता ना हो कहीँ मेरा ही आशियाँ... (कैसे कोई जिए)
- एक लुटे घर पे दिया करता है दस्तक कोई... (कोई ये कैसे बताये)
- गले गले सहम सहम ... (दोस्त दोस्त ना रहा)
- है वक़्त-ए- रुखसत गले लगा लो, खतायें भी आज बख्श डालो (खुदा निगेहबान हो तुम्हारा)
- ये बिजली राख कर जायेगी तेरे प्यार कि दुनिया (कभी तनहाइयों में)
- तुने दिया हमें गम, बेमौत मर गए हम (ओ दुनिया के रखवाले )
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